Sone Ka Jadui Paid | सोने का जादुई पेड़ | Cartoon Tales | Hindi Kahani | Cartoon Story

कहानी का शीर्षक: "सोने का पेड़ और लालच"

मूल संदेश: लालच बुरी बला है।


एक गरीब किसान की ज़िन्दगी

कहानी: बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान रहता था। उसका नाम रामू था। उसकी ज़िन्दगी बहुत कठिन थी।
(रुकें)
रामू दिन-रात मेहनत करता था लेकिन मुश्किल से ही उसे दो वक्त का खाना मिल पाता था।
(रुकें)
वह हमेशा सोचता था कि अगर उसके पास ढेर सारा पैसा होता, तो उसकी सारी परेशानियाँ खत्म हो जातीं।

जादुई पेड़ की खोज

कहानी: एक दिन, रामू अपने खेत में हल चला रहा था, तभी उसने अचानक एक चमकती चीज़ देखी।
(रुकें)
वह उत्सुक हो गया और उसकी ओर बढ़ा। वहाँ एक छोटा सा पौधा उग आया था, लेकिन वो साधारण पौधा नहीं था। उसकी पत्तियाँ सुनहरी थीं।
(रुकें)
रामू ने पौधे को छुआ, और तभी वह पौधा तेजी से बढ़ने लगा और एक बड़ा पेड़ बन गया। पेड़ की शाखाओं पर सोने के फल लटकने लगे!
(रुकें)
रामू की आँखें खुशी से चमक उठीं। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी किस्मत इतनी जल्दी बदल गई।

पहली सफलता

कहानी: रामू ने झट से एक सोने का फल तोड़ा और उसे बाज़ार में बेच दिया।
(रुकें)
उसे बहुत सारा पैसा मिला, और उसने उस पैसे से अपने लिए नए कपड़े, अच्छा खाना और थोड़ी ज़मीन खरीदी।
(रुकें)
अब उसकी ज़िन्दगी बदलने लगी थी। गाँव के लोग भी उसकी किस्मत पर हैरान थे।

लालच की शुरुआत

कहानी: कुछ समय बाद, रामू को लगा कि उसे और ज्यादा सोने की ज़रूरत है।
(रुकें)
वह पेड़ के पास गया और एक साथ कई सोने के फल तोड़ने लगा।
(रुकें)
पेड़ थोड़ा हिलने लगा, मानो उसे चोट पहुंची हो। लेकिन रामू को कोई परवाह नहीं थी।

पेड़ का गुस्सा

कहानी: जब रामू ने पेड़ से सारे फल तोड़ लिए, तो पेड़ ने अचानक बोलना शुरू कर दिया।
(रुकें)
पेड़ ने कहा, "रामू, तुम्हारा लालच तुम्हें बर्बाद कर देगा। अगर तुमने मुझे और नुकसान पहुँचाया, तो तुम्हें कुछ भी नहीं मिलेगा।"
(रुकें)
रामू को पहले तो थोड़ा डर लगा, लेकिन फिर उसने सोचा कि यह सिर्फ एक पेड़ है, इसे क्या पता!

अंतिम गलती

कहानी: रामू ने पेड़ की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया।
(रुकें)
उसने सोचा कि अगर पेड़ सोने के फल दे सकता है, तो उसकी लकड़ी भी कीमती होगी।
(रुकें)
उसने कुल्हाड़ी उठाई और पेड़ को काटने की कोशिश करने लगा। जैसे ही उसने पहला वार किया, पेड़ से एक तेज़ रोशनी निकली और पेड़ गायब हो गया।
(रुकें)
रामू हक्का-बक्का रह गया। उसके पास न पेड़ बचा, न सोने के फल।

पछतावा

कहानी: अब रामू के पास फिर से कुछ नहीं बचा था।
(रुकें)
वह उदास होकर खेत के पास बैठ गया और अपने लालच पर पछताने लगा।
(रुकें)
उसने महसूस किया कि अगर उसने लालच नहीं किया होता, तो उसके पास आज भी सोने का पेड़ होता।


कहानी का संदेश

कहानी: रामू की कहानी पूरे गाँव में फैल गई।
(रुकें)
लोग उसकी गलती से सीखने लगे कि लालच से सिर्फ नुकसान होता है।
(रुकें)
अगर रामू ने अपने लालच पर काबू रखा होता, तो उसकी ज़िन्दगी हमेशा के लिए बदल सकती थी।

समाप्ति

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हमें कुछ अनमोल चीज़ मिलती है, तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और लालच नहीं करना चाहिए। वरना, जैसे रामू ने अपनी किस्मत गवां दी, वैसे ही हम भी गवां सकते हैं।

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