Shrapit Nun👩🦳क्या आप इस श्रापित चर्च में रात बिताने की हिम्मत करेंगे?⛪ Hindi Kahaniya| Horror Story
श्रापित नन: एक भयावह और रहस्यमय कहानी
एक छोटे से गाँव की छाया
यह कहानी एक छोटे से पहाड़ी गाँव की है, जो दुनिया से पूरी तरह से अलग-थलग था। यहाँ पर एक पुराना चर्च खड़ा था, जिसका इतिहास अजीब और खौफनाक था। चर्च का नाम था "सांटियागो चर्च", जो 19वीं शताबदी का था। यह चर्च गाँव के बीचो-बीच स्थित था, लेकिन किसी को भी चर्च के पास जाने की अनुमति नहीं थी, खासकर रात के समय। गाँव के लोग कहते थे कि रात को चर्च के आस-पास जाना मौत के समान था।
गाँव के बुजुर्गों की कहानियाँ सुनकर, एक युवा पत्रकार, अर्पित, जो भूत-प्रेत और रहस्यमय घटनाओं पर रिपोर्ट लिखता था, इस चर्च के बारे में जानने के लिए उत्सुक था। अर्पित को विश्वास था कि वहाँ कोई प्राकृतिक घटना छुपी है, और वह इस रहस्य को सुलझाने के लिए वहाँ जाने का फैसला करता है।
डर का पहला संकेत
अर्पित, अपने कैमरे और नोटबुक के साथ, रात के समय चर्च के पास पहुँचा। अंधेरे में चर्च की दीवारें खून से सनी प्रतीत हो रही थीं, और हर कदम के साथ एक अजीब सी ठंडक महसूस हो रही थी। जैसे ही वह चर्च के दरवाजे के पास पहुँचा, उसे किसी के फुसफुसाने की आवाजें सुनाई दीं। अर्पित ने अपना कैमरा उठाया, लेकिन जैसे ही उसने शटर दबाया, कैमरा की स्क्रीन पर एक धुंधला चेहरा नजर आया—एक महिला का चेहरा, जो जैसे ही उसने कैमरे में देखा, गायब हो गया। अर्पित की धड़कनें तेज़ हो गईं।
वह चर्च के अंदर गया, और वहाँ के हालात उसे और भी डरावने लगे। दीवारों पर उकेरे गए अजीबोगरीब और डरावने चित्र, पुराने ताबीज़, और टूटे हुए लकड़ी के फर्नीचर उसे एक भूतिया माहौल का एहसास दिला रहे थे। चर्च के हर कोने में एक अजीब सी गंध थी, जैसे कोई सड़ी हुई वस्तु रखी हो।
मरियम की आत्मा
चर्च में प्रवेश करते ही, अर्पित को एक पुरानी डायरी मिली, जो दीवार के पास रखी हुई थी। जब उसने डायरी को खोला, तो उसमें लिखा था:
"मैं मरियम हूँ। मैं सच्चाई की रक्षा करने के लिए यहाँ हूँ, लेकिन जब तक मेरे साथ हुए अन्याय का बदला नहीं लिया जाता, तब तक मेरी आत्मा शांति से नहीं रह सकेगी।"
अर्पित को लगा कि यह किसी पुरानी नन की कहानी है। उसने डायरी को और अधिक पढ़ने की कोशिश की, लेकिन बीच में ही कुछ पन्ने गायब थे। अर्पित ने गाँव के बुजुर्गों से बात की, और पता चला कि मरियम एक पवित्र नन थी, जो गाँव में बहुत श्रद्धा की पात्र थीं। लेकिन एक रात, चर्च में एक भयंकर आग लग गई, जिसमें मरियम की जान चली गई। लेकिन गाँव के लोग कहते थे कि मरियम की मौत एक हादसा नहीं, बल्कि एक हत्या थी।
आग के बाद से चर्च में अजीब घटनाएँ घटने लगी थीं। रात में चर्च की घंटियाँ बजती थीं, और कुछ लोग दावा करते थे कि उन्होंने चर्च के अंदर एक सफेद आकृति देखी थी। कहते हैं कि यह मरियम की आत्मा थी, जो अब भी गाँव की गलियों में भटक रही थी।
छुपा हुआ सच
अर्पित अब पूरी तरह से आश्वस्त था कि मरियम की आत्मा कुछ छुपा रही थी, और वह इसका पता लगाने का निश्चय करता है। वह रात के समय चर्च के अंदर जाता है, और उसे एक कक्ष में एक पुराना लकड़ी का ताबूत दिखता है। ताबूत में मरियम का नाम उकेरा हुआ था। जब उसने ताबूत को खोला, तो उसके अंदर कोई शव नहीं था, लेकिन एक बेहद डरावनी और खौफनाक आवाज सुनाई दी। जैसे ही उसने ताबूत को खोला, चर्च के अंदर का वातावरण एकदम से बदल गया। हवा में अजीब सी गंध फैली, और सब कुछ अंधेरे में डूब गया।
अर्पित ने देखा कि चर्च की दीवारों पर अचानक से खून से लिखे हुए शब्द उभरने लगे। वह शब्द थे:
"तुमने हमारी सच्चाई को नहीं जाना, अब तुम्हारे पास समय नहीं बचा।"
अर्पित को लगा कि अब वह किसी बड़ी मुसीबत में फंस चुका है। उसे महसूस हुआ कि मरियम की आत्मा उसकी ओर बढ़ रही है। उसने तेज़ी से चर्च छोड़ने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही वह दरवाजे के पास पहुँचा, दरवाजा अपने आप बंद हो गया। अर्पित को एक तेज़ चीख सुनाई दी, और उसे सामने खड़ी सफेद आकृति दिखाई दी।
मरियम का श्राप
अर्पित ने देखा कि सफेद आकृति कोई और नहीं, बल्कि मरियम की आत्मा थी। उसकी आँखों में क्रोध और दर्द था। मरियम की आत्मा ने कहा, "तुमने मेरी मृत्यु का सच नहीं जाना, अब तुम इसे जानोगे।"
अर्पित को एहसास हुआ कि मरियम की हत्या के पीछे केवल एक आदमी नहीं, बल्कि पूरे चर्च का एक गहरा षड्यंत्र था। चर्च के पुरानी पादरी और गाँव के प्रमुख लोग मिलकर एक पवित्र बलि देने का नाटक कर रहे थे, ताकि वे गाँव की संपत्ति पर कब्जा कर सकें। मरियम ने इसका विरोध किया था, और उन्हें इस षड्यंत्र के बारे में पता चला था। तभी उन लोगों ने उनकी हत्या कर दी, और आग लगाकर यह साबित करने की कोशिश की कि यह एक हादसा था।
अब मरियम की आत्मा अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए वापस आई थी।
अर्पित का संघर्ष
अर्पित, मरियम की आत्मा से बचने के लिए कई कोशिशें करता है, लेकिन वह महसूस करता है कि वह अब सिर्फ मरियम की मदद कर सकता है। उसे गाँव के सच्चे अपराधियों का नाम सामने लाने का तरीका चाहिए था। वह जानता था कि अगर मरियम की आत्मा को शांति मिलनी है, तो उसे सच्चाई का पर्दाफाश करना होगा।
वह चर्च के पुराने दस्तावेजों को खंगालता है और गाँव के लोगों के खिलाफ सबूत जुटाता है। इस संघर्ष में उसे कई बार अपनी जान की परवाह नहीं करनी पड़ती। लेकिन अंत में, वह सफल होता है। वह सबूतों के साथ गाँव लौटता है और सच्चाई सबके सामने लाता है।
अंत का रहस्य
सच्चाई के उजागर होने के बाद, मरियम की आत्मा को शांति मिलती है। चर्च के अंदर से एक हल्की सी रोशनी निकलती है, और चर्च की घंटियाँ एक अंतिम बार बजती हैं। मरियम की आत्मा अब अपने अन्याय का बदला ले चुकी थी और शांति से चली जाती है।
लेकिन जैसे ही अर्पित गाँव छोड़ने लगता है, उसे महसूस होता है कि चर्च की घंटियाँ फिर से बज रही हैं। वह पलटकर देखता है, और एक आखिरी संदेश दीवार पर उभरता है:
"सच्चाई का मार्ग कभी आसान नहीं होता, लेकिन वही शांति की ओर जाता है।"
यह कहानी एक रहस्य और सच्चाई की यात्रा थी, जिसमें अर्पित ने न केवल मरियम की आत्मा को शांति दी, बल्कि खुद भी एक नया जीवन पाया।
यह कहानी सच्चाई, न्याय और भक्ति की महत्वपूर्ण शिक्षा देती है।
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